देखने के लिए दर्पण ले लिया था वह भी ज़मीन पर गिर पड़ा और कुचल गया बुल्ले शाह लोग हँसते थे, जश्न मनाते थे और हमारा रोना भी मना था.
बुल्ले शाह का रंग फीका पड़ गया है, सब तुम्हारी वजह से
तुम अपनी वजह से जीते, मैं अपनी वजह से हारा।
मशरूफ़ जो दुनिया में हुआ
उमर जया ने ऐसा किया
भगवान की दया उस पर नहीं है
जिहने नेकी न कहा जहां..देखने के लिए दर्पण ले लिया था
वह भी ज़मीन पर गिर पड़ा और कुचल गया
बुल्ले शाह लोग हँसते थे, जश्न मनाते थे
और हमारा रोना भी मना था.
जाति विभाजन की बात मत करो
जाति भी मिट्टी है, तुम भी मिट्टी हो
जाति ही ईश्वर की पराकाष्ठा है
अन्य सभी मिट्टी मिट्टी है।
जो चोट खाए वो इश्क़ है
भगवान उसकी हालत जानता है
अपनी इच्छानुसार नमाज पढ़ें
बाकी सारी कहानी.
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